Sunday, January 5, 2014

टेक-सैव्वी फार्मर ..

आठ दस साल पहले टेक सैव्वी होना बड़ा फैशनेबल हुआ करता था। टेक सैव्वी मैनेजर, टेक सैव्वी नेता, वो कहलाते थे जो कि आइटी के उपकरण, जैसे लैपटाप , इन्टरनेट आदि का लकदक इस्तेमाल करते थे। टेक सैव्वी होना बड़ा सम्मानजनक और अपनी उच्चता दिखाने करने का तरीका था। ठीक वैसे ही जैसे आजकल हम एंड्राइड मोबाइल के नए माडलों को प्रदर्शन करके खुश होते हैं। 

मगर बरौनाकुंडा के निवासी किसान उम्मेद राठिया को टेक-सैव्वी क्यो कहा जाए। दो लड़को और एक लड़की के पिता, मिट्टी के घर मे रहने वाले उम्मेद को सरकारी भाषा मे सीमांत किसान कह सकते है। विरासत मे मिली 15 एकड़ भूमि मे से लगभग 5 एकड़ खेत हैं तो बाकी पड़त भूमि है। तीन चार साल पहले जनमित्रम मे कार्यरत स्थनीय युवक कृपाल सिंह ने उसे बाड़ी कार्यक्रम की जानकारी दी। फलदार पौधों के रोपण से संबंधित इस योजना मे कृषि तकनीक सीखने का अच्छा अवसर मिलता है।



बाड़ी कार्यकृम में उम्मेद को भी मौका मिला। आसपास के जिलो मे कु छप्रशिक्षण भ्रमण, कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिको से बार बार मिलना जुलना और खेती किसानी को बढावा देने वाले सरकारी अधिकारियों से संपर्क के अवसर मिले। सातवीं पास कृषक में नयी उत्सुकताऐं जागी। मौकों का फायदा उठाना शुरू किया। जहां अधिकांश कृषक हल बैल या ट्रेक्टर से जुताई करते हैं, वहीं उम्मेद ले आया पावर टिलर। कई लाख के ट्रेक्टर का काम पावर टिलर बखूबी कर सकता है। तुर्रा ये, कि सब्सिडी मे साठ हजार का ही मिल गया। उसकी ख़ुशी हमारी उस ख़ुशी से कम नहीं जो हमें ३५००० के आईफोन के फीचर १५००० के सैमसंग में मिलने पर होती है। 

बाड़ी कार्यक्रम मे संस्था ने कुंआ खोदकर दिया था। जहां बाकी किसान पानी ढोकर सिंचाई करते हैं, उमेद ने लगवाया ड्रिप सिस्टम। अब पानी तो क्या, दवा, खाद सबकुछ ड्रिप के द्वारा दिया जा रहा है। सरकारी सब्सिडी यहां भी मिली। आठ एकड़ पड़त भूमि मे से आधी अब बढि़या बागान मे बदल चुकी है। पौधों की बढोतरी और सभी किसानो से ज्यादा है। 





आप उम्मेद से मिलेंगे तो वह आपको अपना पावर टिलर जरूर दिखाएगा। ड्रिप सिस्टम भी आपको समझाएगा, एक गर्व भरी मुस्कान के साथ। गर्व करे भी क्यांे न, आखिर ये चीजे उसके पास है, आपके पास नहीं। 



जाते जाते उसकी पत्नी फूलकुंवर से जरूर मिलिएगा। वह आपको अपना स्मोकलेस चूल्हा दिखाना चाहेगी। आखिर वह पतिदेव से कम "टेक सैव्वी" थोड़े है।
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Contributed By Manish Singh
+91-98261-87810,  ritumanishsingh@gmail.com
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